टहलना एक सरल व्यायाम है, जो शरीर को अधिकाधिक लाभ पहुंचाता है, क्योंकि इससे शरीर की सभी मांसपेशियां सक्रिय हो जाती है। इस व्यायाम के लिए आयु या वर्ग की कोई निश्चित सीमा नहीं है। प्रत्येक उम्र के व्यक्ति इस व्यायाम से लाभ उठा सकते हैं तथा किसी भी समय टहला जा सकता है। वैसे आमतौर पर लोग प्रात: या शाम को ही टहलना पसंद करते हैं। यदि टहलने के लिए बाग या अनुकूल स्थान नहीं मिले, तो आप कमरे के अंदर भी टहल सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपने सामर्थ्य के अनुसार सैर की गति को कम या ज्यादा कर सकता है तथा उसका लाभ उठा सकता है। टहलना स्वस्थ रहने के लिए मुफ्त की दवा जैसा है, जिसके लिए आपको किसी प्रकार के खर्च की आवश्यकता नहीं होती हां, पर्याप्त समय का होना आवश्यक है तथा एकाग्रमन से टहलने से अच्छी सफलता मिलती है। अगर आप टहलना अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेते हैं तो-
1.आपकी मांसपेशियों, हाथों तथा पेट और छाती को सही बल और आकार मिलता है।
3. उच्च रक्तचाप कम होता है।
4.अधिक समय तक टहलने से मधुमेह, हृदय रोग और
रक्तचाप नियंत्रित होता है।
टहलने की योजना बनाते हुए सबसे पहली
आवश्यकता होती है एक सर्वोपयोगी रास्ते की, जो
वाहनों के प्रदूषण से मुक्त हो तथा हरी-भरी वनस्पतियों, खुली एवं स्वच्छ वायु से युक्त हो। यदि आप किसी बड़े शहर अथवा महानगर में रहते हैं, तो इसके लिए आवश्यक है समुद्र का किनारा या फिर बड़ा मैदान अथवा हरा-भरा बगीचा। टहलना शुरू करने पर पैर की मांसपेशियों में दर्द उठ सकता है, किंतु जैसे-जैसे आप अभ्यस्त होते जाएंगे, सब कुछ सामान्य होता जाएगा।
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